Monday, December 23, 2024
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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की 10 महिला स्वतंत्रता सेनानी जो नीडर और बेखौफ लड़ीं | 10 Women Freedom Fighters

10 Fearless and Fierce Female Freedom Fighters of India

भारतीय प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की 10 Women Freedom Fighters जिन्हें हमें याद करना चाहिए ।

ये महिला स्वतंत्रता सेनानी भारत के विभिन्न हिस्सों से थीं और अलग-अलग पृष्ठभूमि से भी, फिर भी वे सभी भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए एक साथ आईं । उनकी साहस , वीरता, आत्मविश्वास और देशभक्ति की कहानियां हमें प्रेरित करती हैं और आनेवाली पीढ़ियों को भी सदैव प्रेरित करती रहेंगी। 

भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई जो 1857 से शुरू होकर अगस्त 1947 तक चली। और अंत मे हमें 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली। इस स्वतंत्रता की लंबी चली लड़ाई मे पूरे देश ने बढ़कर चढ़कर हिस्सा लिया।

पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों के साथ -साथ महिला स्वतंत्रता सेनानियों ने भी अंग्रेजों के साथ स्वाभिमान और स्वांतन्त्रता का युद्ध बड़ी बहादुरी के साथ लड़ीं ।

हम में से बहुत ही कम ऐसे लोग हैं जिन्हे आजादी की इन अतिवीर वीरांगनाओं के बारे मे पता हो ।

हाँ , कुछ महिला स्वतंत्रता सेनानियों जैसे रानी लक्ष्मीबाई और सरोजनी नायडू जैसे नाम हमे जरूर पता हैं लेकिन इनके अलावा भी बहुत सारी वुमन फ्रीडम फाइटर्स हैं जिनके बारे मे हमें और हमारी आने वाली पीढ़ियों को जानना चाहिए और जानना जरूरी भी है ।

तो चलिए आज 74 वें स्वांतन्त्र दिवस पर ऐसे ही 10 महान, वीर और नीडर वुमन फ्रीडम फाइटर्स के बारे मे जानते हैं ।

1. रानी अवन्तीबाई लोधी (Rani Avanti Bai Lodhi )

रानी अवन्तीबी लोधी भारत की पहली महिला शहीद वीरांगना महिला क्रांतिकारी(स्वतंत्रतासेनानी) थीं और अवंतीबाई ने प्रथम स्वांतन्त्रता संग्राम मे बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी।
1857 की प्रथम क्रांति में रानी अवन्तीबाई को रेवांचल में मुक्ति आंदोलन को शुरू करने के लिए जाना जाता है ।
रानी अवन्तीबाई का जन्म 16 अगस्त 1831 को सिवनी, मध्यप्रदेश मे हुआ था ।Rani Avanti Bai
रामगढ़ राज्य के राजा विक्रमाजीत सिंह से उनका विवाह बाल्यावस्था में ही हुआ। विक्रमाजीत सिंह बचपन से ही वीतरागी प्रवृत्ति के थे
अत: राज्य संचालन का काम उनकी पत्नी रानी अवंतीबाई ही करती रहीं। उनके दो पुत्र हुए-अमान सिंह और शेर सिंह।
अंग्रेजों ने अबतक भारत के बहुत सारे हिस्सों पर अपना राज स्थापित कर लिया था जिनको उखाड़ने के लिए रानी अवंतीबाई ने क्रांति की शुरुआत की और भारत में पहली महिला स्वतंत्रतासेनानी
रामगढ़ की रानी अवंतीबाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध ऐतिहासिक निर्णायक युद्ध किया जो भारत की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है । रामगढ़ की रानी अवंतीबाई पूरे भारत में अमरशहीद वीरांगना रानी अवंतीबाई के नाम से प्रसिद्ध हैं ।

2. रानी लक्ष्मी बाई (Rani Lakshmi Bai)

रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को वाराणसी मे हुआ था । रानी लक्ष्मीबाई का बचपन का नाम मणिकर्णिका था और उन्हे प्यार से मनु बुलाया जाता था ।
1842 में उनका मणिकर्णिका का विवाह झाँसी के मराठा शासित राजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ हुआ और वे झाँसी की रानी बनीं।Rani Lakshmi Bai
21 नवंबर 1853 को राजा गंगाधर राव की मृत्यु हो गई । अंग्रेजी हुकूमत की राज्य हड़प नीति ब्रितानी अधिकारियों ने झांसी राज्य का खजाना जप्त कर लिया और
रानी लक्ष्मीबाई को झांसी का किला छोड़कर झांसी के रानीमहल मे जाना पड़ा । लेकिन रानी ने हार नहीं मानी और अपने राज्य को हर हाल मे अंग्रेजों से वापस लेनी की ठान ली ।
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम जो 1857 मे शुरू हुआ उसका एक प्रमुख केंद्र झांसी बन गया था जहा रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी की सुरक्षा के लिए एक स्वयंसेवक सेना का गठन किया ।
इस सेना मे महिलाओं को प्रमुखता से शामिल किया गया । झलकारी बाई को इस सेना में विशेष स्थान दिया गया जो रानी लक्ष्मीबाई की हमशक्ल थीं।
18 जून 1858 को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में ब्रितानी सेना से लड़ते-लड़ते रानी लक्ष्मीबाई शहीद हो गईं ।

3. झलकारी बाई ( Jhalkari bai )

झलकारी बाई का जन्म 22 नवम्बर 1830 को झांसी के भोजला गाँव में हुआ था।
झलकारी बाई झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेना में, महिला शाखा दुर्गा दल की सेनापति थीं। झलकारी बाई लक्ष्मीबाई की हमशक्ल भी थीं इसलिए उन्हे शत्रु को गुमराह करने के लिए रानी के वेश में युद्ध में भेजा जाता था ।Jhalkari Bai
अपने अंतिम समय में भी वे रानी के वेश में युद्ध करते हुए वे अंग्रेज़ों के हाथों पकड़ी गयीं और रानी को किले से भाग निकलने का अवसर मिल गया।
उन्होंने प्रथम स्वाधीनता संग्राम में झाँसी की रानी के साथ ब्रिटिश सेना के विरुद्ध अद्भुत वीरता से लड़ते हुए ब्रिटिश सेना के कई हमलों को विफल किया था।
झलकारी बाई की गाथा आज भी बुंदेलखंड की लोकगाथाओं और लोकगीतों में सुनी जा सकती है।

भारत सरकार ने 22 जुलाई 2001 में झलकारी बाई के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया था ।

4. बेगम हज़रत महल (Begum Hazrat Mahal)

बेगम हज़रत महल का जन्म 1820 मे हुआ था । बेगम हज़रत महल अवध की बेगम (Begum of Awadh)नाम से जानी जाती थीं ।Begum Hazrat Mahal
पति के मृत्यु के पश्चात उन्होंने अवध का शासन अपने हाथों मे ले लिया और लखनऊ को अपने कब्जे मे लेकर अपने बेटे को लखनऊ का शासक बना दिया।
अंग्रेजों ने बाद मे लखनऊ को फिर से जीत लिया। बेगम हज़रत महल ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया और मंदिरों और मस्जिदों के विध्वंश के खिलाफ लड़ीं ।

5. कित्तूर रानी चेन्नमा (KITTUR RANI CHENNAMMA)

रानी चेनम्मा भारत के कर्नाटक के कित्तूर राज्य की रानी थीं। रानी चेन्नमा का जन्म कर्नाटक में बेलगाम के पास एक गांव ककती में 1778 मे हुआ था ।
चेन्नम्मा के पहले पति का निधन हो गया। कुछ साल बाद एकलौते पुत्र का भी निधन हो गया । अंग्रेजों की नीति ‘डाक्ट्रिन ऑफ लैप्स’ के तहत दत्तक पुत्रों को राज करने का अधिकार नहीं था और ऐसे में अंग्रेज उस राज्य को अपने साम्राज्य में मिला लेते थे।Kittur Rani Chennamma
डाक्ट्रिन ऑफ लैप्स के अलावा रानी चेन्नम्मा ने अंग्रेजों के कर नीति का भी विरोध किया था ।
और इस कारण रानी चेन्नम्मा और अंग्रेजों के बीच युद्ध हुआ और इस युद्ध मे रानी चेन्नम्मा ने अद्भुत साहस दिखाया लेकिन वह अंग्रेजों की बड़ी सेना के साथ ज्यादे समय तक लड़ाई
नहीं लड़ सकीं और अंग्रेजों ने उन्हें बेलहोंगल किले मे कैद कर दिया जहां 21 फरवरी 1829 को उनकी मृत्यु हो गई ।
पुणे-बेंगलूरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेलगाम के पास कित्तूर का राजमहल तथा अन्य इमारतें अब भी उनकी गौरवशाली इतिहास के रूप मे मौजूद हैं ।

6. RANI GAIDINLIU

Rani GAIDINLIU जिनका जन्म 26 जनवरी 1915 को Nungkao village, Manipur मे हुआ था और जिन्हे पहाड़ों की बेटी और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने के लिए जाना जाता है।RANI GAIDINLIU

इन्होंने बहुत कम उम्र मे ही नागा ट्राइब के उत्थान के आंदोलन से जुड़ गई थीं और यह आंदोलन अंग्रेजों को मणिपुर से उखाड़ फेंकने तक जा जुड़ा और 17 साल की कम उम्र मे ही अंग्रेजों ने इन्हे गिरफ्तार कर लिया। इन्हे 14 सालों तक जेल मे रखा गया । इन्हे भारत की आजादी के बाद 1947 मे जेल से रिहा किया गया।
जवाहरलाल नेहरू Rani GAIDINLIU से 1932 मे शिलॉन्ग जेल मे मिले थे और नेहरू ने इन्हें “रानी” (“Queen”) का टाइटल दिया और ये रानी GAIDINLIU नाम से प्रसिद्ध हुई ।

7. मातंगिनी हाजरा (MATANGINI HAZRA)

MATANGINI HAZRA का जन्म 17 November 1870 Tamluk, Bengal Presidency, British India में हुआ था।
लोग प्यार से इन्हें Gandhi Buri(Bengali for old lady Gandhi ) भी बुलाते थे। MATANGINI HAZRA
इन्होंने ने अंग्रेजों के विरोध में की आंदोलनों में हिस्सा लिया और और कई बार जेल भी गईं । इन्हें अप्रतिम देशभक्ति और स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए जाना जाता है ।
इन्होंने Quit India Movement में 6000 से ज्यादे लोगों का नेतृत्व किया और तब तक लड़ती रहीं जब तक अंग्रेजी पुलिस ने 29 September 1942 को उन्हें गोली नही मार दी ।
शहीद होते समय भी वो भारतीय झंडे को ऊंचा रखें रहीं और वंदे मातरम बोलती रहीं ।

8. ऊदा देवी (UDA DEVI)

ऊदा देवी (Uda Devi) का जन्म लखनऊ मे हुआ था । Uda Devi 1857 की प्रथम क्रांति की उन वीर योद्धाओं में से एक हैं जिन्होंने ब्रिटिश East India Company से लड़ाई लड़ी।Uda Devi
उदा देवी, अन्य दलित महिलाओं के साथ, 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दलित वीरांगना के रूप में जानी जाती थीं।
वह एक नीडर , बहादुर और दृढ़ निश्चयी महिला थीं। बेगम हजरत ने महिला बटालियन बनाने में उनकी मदद की थी ।
उदा देवी की नेतृत्व में महिला बटालियन ने अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी। कहा जाता है कि एक पीपल के पेड़ से ब्रिटिश सैनिकों ने गोली मारकर Uda Devi की हत्या कर दी थी ।

9. मूलमती (MOOLMATI)

मूलमती एक अल्पज्ञात देशभक्त थीं जिन्होंने ब्रिटिश शासन का विरोध किया था। उन्हें बलि देने वाली मां (sacrificial mother) के रूप में जाना जाता था।

मूलमती - Moolmati
जब उनके बेटे रामप्रसाद बिस्मिल को ब्रिटिश शासकों ने फांसी दी थी, तो वह अडिग और गर्वित थीं। उन्होंने जनसभाओं को संबोधित किया और जुलूस भी निकाले।
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम मे अपना और अपने दूसरे बेटे के समर्थन की पेशकश भी की।

10. कनकलता बरुआ (KANAKLATA BARUA)

कनकलता बरुआ का जन्म Borangabari, Gohpur, Darrang district (now in Sonitpur District, Assam)मे हुआ था।
इन्हें Birbala and Shaheed (martyr)नाम से भी जाना जाता है ।Kanaklata barua
उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था ।
उन्होंने भारतीय झंडा लहराकर और नारे लगाकर अंग्रेजों का विरोध किया था। 18 साल की उम्र में ब्रिटिश पुलिस ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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Author

  • Minakshi Gupta

    Minakshi Gupta is a popular Youtuber and blogger. She is founder of Min's Recipes and YourSaheli.com. She loves to create content around women lifestyles, food, beauty and wellness and that's the reason she started YourSaheli to spread positivity in every woman's life. She runs popular YouTube channel Min's Recipes where she shares her unique recipes and kitchen tips with her viewers.

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